शुद्ध धरम बस एक है, धारण कर ले कोय .
इस जीवन में फल मिले, आगे सुखिया होय .
सत्य धरम है विपस्सना, कुदरत का कानून .
जिस जिस ने धारण किया, करुणा बने जुनून .
अणु अणु ने धारण किया, विधि का परम विधान .
जो मानस धारण करे, हो जाये भगवान .
अंतस में अनुभव किया, जब जब जगा विकार .
कण - कण तन दूषित हुआ, दुख पाये विस्तार .
हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख हो, भले इसाई जैन .
जब जब जगें विकार मन, कहीं न पाये चैन .
दुनियादारी में फंसा, दुख में लोट पलोट .
शुद्ध धरम पाया नही, नित नित लगती चोट .
मैं मैं की आशक्ति है, तृष्णा का आलाप .
धर्म नही धारण किया, करता रोज विलाप .
माया पीछे भागता, माया का अभिमान .
माया को सुख मानता, धन का करे न दान .
गंगा बहती धरम की, ले ले डुबकी कोय .
सच्चा धरम विपस्सना, जीवन सुखिया होय .
तप करते जोगी फिरें, जंगल, पर्वत घाट .
काया अंदर ढ़ूंढ़ ले, तीन हाथ का हाट .
अपनी मूरत मन गढ़ी, सौ सौ कर श्रृंगार .
जब जब मूरत टूटती, आँसू रोये हजार .
पत्नी, माता, सुत, पिता, नहीं किसी से प्यार .
अपने जीवन में सभी, स्वार्थ पूर्ति सहकार .
कवि कुलवंत सिंह
Kavi kulwant Singh
Tuesday, October 5, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
9 comments:
हर एक दोहा लाजवाब जीवन दर्शन से पूर्ण। अगर किसी एक की बात करूँ तो बाकी से ज्यादती होगी। धन्यवाद और शुभकामनायें।
कृ्प्या इस ब्लाग पर एक पंजाबी पुस्तक पा ती अडिये बाजरे दी मुट्ठ [गुरप्रीत गरेवाल पत्रकार अजीत समाचार} का अनुवाद शुरू किया है आपका बहुमूल्य विचार चाहती हूँ। धन्यवाद।
http://veeranchalgatha.blogspot.com/
इस तरह के दोहे रचने मे तो आपको महारत हासिल है…………हर दोहा सहेजने लायक्।
बहुत ही सुंदर दोहे जी, धन्यवाद
माया पीछे भागता, माया का अभिमान .
माया को सुख मानता, धन का करे न दान .
सुन्दर दोहे. बधाई.
अरे कितने दिन हुए कुछ लिखा क्यों नही लिखो भाई...
बहुत बढ़िया!!
bahut sundar dohe.. jiwan darshan hian ye..
lajawab dohe
dhanyvaad
Send Valentines Day Roses Online
Send Valentines Day Gifts Online
Send Teddy Day Gifts Online
Post a Comment