मैं मैं मरता मर मिटा, मिट्टी मटियामेट ।
मिट्टी में मिट्टी मिली, मद माया मलमेट ॥
कवि कुलवंत सिंह
Monday, April 21, 2008
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आपका स्वागत है - आपके कहे कुछ शब्द मुझे भावविभोर करेंगे एवं दिशा प्रदान करेंगे ! कवि कुलवंत ... ......... मैं जब भी हूँ किसी इंसां के करीब जाता , अल्लाह तेरा बस तेरा ही वजूद पाता . कवि कुलवंत
3 comments:
पोस्ट पर तो नही पर ब्लागवाणी पर फ़ांट दीख गया.
मैं मैं मरता मर मिटा, मिट्टी मटियामेट ।
मिट्टी में मिट्टी मिली, मद माया मलमेट ॥
जिन्दगी की हकीकत को बयान करती हुई ये पंक्तिया अतुल्य है.
Thank you Dear friends.. Atul and Appu..
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