रावण रावण जो दिखे, राम करे संहार ।
रावण घूमे राम बन, कलयुग बंटाधार ॥
कवि कुलवंत सिंह
Monday, April 14, 2008
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आपका स्वागत है - आपके कहे कुछ शब्द मुझे भावविभोर करेंगे एवं दिशा प्रदान करेंगे ! कवि कुलवंत ... ......... मैं जब भी हूँ किसी इंसां के करीब जाता , अल्लाह तेरा बस तेरा ही वजूद पाता . कवि कुलवंत
2 comments:
फ़ाण्ट नही दिख रही सरदार जी.
वाकई बंटाधार!!
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