सांप छछूंदर नेवला, किसमें ज्यादा जहर।
तीनों ने मानी हार, आदम देखा शहर ॥
Wednesday, April 9, 2008
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आपका स्वागत है - आपके कहे कुछ शब्द मुझे भावविभोर करेंगे एवं दिशा प्रदान करेंगे ! कवि कुलवंत ... ......... मैं जब भी हूँ किसी इंसां के करीब जाता , अल्लाह तेरा बस तेरा ही वजूद पाता . कवि कुलवंत
1 comment:
wah kya baat kahi hai,aadam shahar dekhkar ye jaharile prani bhi dar gaye,sahi aaj ke insaan mein amrut kum aur jahar jyada behta hai.
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