Wednesday, May 16, 2007

Naman

नमन
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कोटि नमन हे भारत
संस्कृति वैभव परिपूर्ण,
दर्शन, वेद, वेदांत
आध्यात्म समाहित पूर्ण ।
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कोटि नमन हे भारत
संतों, महापुरुषों की जन्मभूमि
राम, कृष्ण, चैतन्य, नानक...
जन्म, कर्म, धर्म की मर्मभूमि ।
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कोटि नमन हे भारत
प्राचीन साहित्य भंडार भरे,
तुलसी, सूर, मीरा, कबीर...
जीवन, ज्ञान, प्रेम, सार भरे
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कोटि नमन हे भारत
सरिताएं हैं देवतुल्य,
गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कावेरी...
पावन धरती उपजाऊ अमूल्य ।
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कोटि नमन हे भारत
वीरों की रणभूमि,
गुरू गोविंद, शिवाजी, राणा प्रताप..
सर्वत्र न्यौछावर भारतभूमि ।
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कोटि नमन हे भारत
बलदानियों की भूमि,
गांधी, भगत, सुभाष, आजाद
तात्या, टीपू, नाना, लक्ष्मी...
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इस धरती पर जन्मे
पाया सुख सारा,
इसकी माटी तिलक हमारा
धन्य हुआ है जीवन हमारा ।
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कवि कुलवंत सिंह

1 comment:

Anonymous said...

क्या कहने !
गर्व से सिर ऊंचा हो गया...
बहुत खूब..
अरविंद माथुर