Friday, June 15, 2007

आज के युग में

एक 'सच्चे इंसान' को
आसान है परिभाषित करना,
आज के युग में -
उसे पागल कह दो !
.
एक 'ईमानदार' को
आसान है ढ़ूंढ़ना,
आज के युग में -
लाखों में एक गिन लो !
.
एक 'बेबाक' को
आसान है चुप कराना,
आज के युग में -
उस पर झूठे केस चला दो !
.
एक 'सरल इंसान' को
आसान है खोजना,
आज के युग में
उसे किताबों में पढ़ लो !
.
कवि कुलवंत सिंह
http://kavikulwant.blogspot.com

4 comments:

राजीव रंजन प्रसाद said...

कुलवंत जी,
बेहद सादगी भरी गंभीर रचना है। वाह.....

*** राजीव रंजन प्रसाद

Divine India said...

वर्तमान सामाजिक परिवेश पर करारा कटाक्ष किया है बहुत अच्छा लगा आपके विचार को जानकर…बधाई स्वीकरे!!!

महावीर said...

ई मेल द्वारा आपके ब्लॉग का लिंक मिला। बहुत सुंदर कविताएं पढ़ने का अवसर मिला।
आपकी सारी ही कविताएं भावों से ओत-प्रोत हैं। विभिन्न विषयों को लेकर बहुत अच्छी कविताएं लिखी हैं। इस कविता में बहुत बड़ा सत्य उजागर किया है।
विज्ञान जैसे विषय(अल्ट्रासाउंड्स) भी आपकी लेखनी से अछूती नहीं रहे। सुंदर रचनाओं के लिए बधाई स्वीकारें।

note pad said...

very true !